Halal Mortgages: Canada’s Real Estate Navigates Faith and Finance
- Haya Benedict Simethy
- 29 अक्तू॰ 2024
- 2 मिनट पठन

By: Haya Benedict Simethy
दुनिया के कई हिस्सों की तरह, कैनेडा भी अब वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में कदम बढ़ा रहा है, जिसमें मुस्लिम समुदाय की जरूरतों के अनुरूप फाइनेंसिंग विकल्प पेश किए जा रहे हैं। 2024 के संघीय बजट में घोषित पहल के तहत हलाल मॉर्गेज की शुरूआत इस दिशा में एक बड़ा कदम है। यह मॉडल न केवल इस्लामिक धार्मिक मान्यताओं को समर्थन देता है, बल्कि उन लोगों को भी आकर्षित कर सकता है जो नैतिक और ब्याज-मुक्त वित्तीय विकल्पों की तलाश में हैं।
हलाल मॉर्गेज का ढांचा और इसके प्रकारशरिया कानून के अनुसार, हलाल मॉर्गेज में रिबा (ब्याज) की मनाही है। इसके तहत, कर्जदाता और उधारकर्ता के बीच लाभ साझा किया जाता है। मुख्य प्रकारों में शामिल हैं:
इजारा (Ijara): इसमें घर को किराये पर देने के मॉडल पर काम किया जाता है, जिसमें किराये का भुगतान संपत्ति के स्वामित्व में बदलता जाता है।
मुराबाहा (Murabaha): बैंक ग्राहक के लिए संपत्ति खरीदता है और उसे तय मुनाफे के साथ पुनर्विक्रय करता है। भुगतान एक निश्चित अवधि में समान किश्तों में होता है।
मुशारका (Musharaka): इस मॉडल में बैंक और ग्राहक मिलकर संपत्ति का मालिकाना हक रखते हैं, जिसे ग्राहक धीरे-धीरे बैंक से खरीद लेता है।
चुनौतियाँ और अवसरकैनेडा जैसे देश में जहां पारंपरिक बैंकिंग संस्थाएं ब्याज आधारित मॉडल पर काम करती हैं, हलाल मॉर्गेज के लिए शुरुआती बाधाएं हैं। चूंकि बैंकों को सस्ते पूंजी स्रोतों तक सीधी पहुंच नहीं है, इसलिए हलाल मॉर्गेज अपेक्षाकृत महंगे हो सकते हैं। हालांकि, सरकार की ओर से नियामक सुधार और कर लाभ जैसी नीतियां इस लागत को कम कर सकती हैं।
आर्थिक स्थिरता की तलाश करने वाले गैर-मुस्लिम ग्राहक भी हलाल मॉर्गेज के लाभों की ओर आकर्षित हो सकते हैं। दीर्घकालिक स्थिरता और पूर्वनिर्धारित किश्तें, विशेषकर मुराबाहा मॉडल के तहत, ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव से बचने के लिए एक सुरक्षित विकल्प साबित हो सकती हैं।
अंततः, कैनेडा का यह कदम दर्शाता है कि वित्तीय उत्पाद केवल लाभ तक सीमित नहीं हैं बल्कि इन्हें सांस्कृतिक और धार्मिक जरूरतों को भी संबोधित करना चाहिए। अगर इस पहल को सरकारी समर्थन मिला, तो हलाल मॉर्गेज भविष्य में हर कैनेडियन के लिए मुख्यधारा का विकल्प बन सकता है, जिससे समावेशी आर्थिक व्यवस्था का निर्माण होगा।
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